Demat Account Kya Hota Hai – अगर आप शेयर बाजार में पैसे निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपना डीमैट अकाउंट ओपन करना होगा इसके माध्यम से ही आप शेयर बाजार में पैसे निवेश कर सकते हैं.
डीमैट अकाउंट बिल्कुल ऐसे ही काम करता है जैसे आपका बैंक अकाउंट काम करता है. जिस प्रकार से आपके पैसे आपके बैंक अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं उसी प्रकार आप जो भी शेयर खरीदते हैं वह आपके Demat Account में सुरक्षित रहते हैं. शेयर बाजार में निवेश करने का पहला कदम डीमैट अकाउंट ओपन करना ही है.
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको डीमैट अकाउंट की पूरी जानकारी देने वाले हैं जैसे कि Demat Account क्या होता है, डीमैट अकाउंट कैसे खुलवाएं, डीमैट अकाउंट के फायदे क्या है और डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं. तो दोस्तों चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए बढ़ते हैं अपने आज के लेख की तरफ.
Demat Account Meaning in Hindi
डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म होता है Dematerialization Account. इसका हिंदी में अर्थ होता हैं भौतिक रूप में नहीं होना.
डीमैट अकाउंट क्या होता है?
डीमैट अकाउंट एक प्रकार का शेयर बाजार से जुड़ा हुआ ऑनलाइन अकाउंट है जिसमें आप अपने शेयर को रख सकते हैं और इसके माध्यम से उसे भेज भी सकते हैं. एक प्रकार से डीमैट अकाउंट का काम करने का तरीका बिल्कुल आपके बैंक अकाउंट जैसा ही होता है, जैसे आपके बैंक अकाउंट से आप पैसे निकाल सकते हैं और उसमें पैसे जमा भी कर सकते हैं.
पहले के समय जब शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट नहीं हुआ करता था तो उस समय जब आप कोई भी शेयर खरीदते थे तो बदले में आपको कागज दिए जाते थे जिसमें इस बात का वर्णन होता था कि आपने इतने रुपए के शेयर खरीदे हैं.
ऐसे में कागज काफी पुराने हो जाने के कारण खराब होने की संभावना भी बहुत ज्यादा होती थी और अगर आपके कागज चोरी हो जाए तो आपको काफी दिक्कत और परेशानी का सामना करना पड़ता है इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए डीमैट अकाउंट की बात शेयर मार्केट में की गई. डीमैट अकाउंट में आपके शेयर को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्टोर किया जाता है.
आसान शब्दों में कहें तो शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आपके शेयर और अन्य सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर होती है और आप अपने डीमैट अकाउंट से शेयरों की लेनदेन कर सकते हैं.
Demat Account का उद्देश्य
डीमैट अकाउंट की शुरुवात करने के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- डीमैट अकाउंट में निवेशकों के शेयर, म्युचुअल फंड, बॉन्ड सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट आदि चीजें सुरक्षित रहती है.
- इसमें निवेशकों के शेयर काफी सुरक्षित होते हैं क्योंकि डीमैट अकाउंट में शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर रहते हैं जिससे ना ही चोरी होने की संभावना होती है और ना ही खराब होने की.
- इसके माध्यम से निवेशकों को कोई भी शेयर, म्यूच्यूअल फंड, बॉन्ड, सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट इत्यादि का ट्रांसफर करने और बेचने में आसानी होती है क्योंकि डीमैट अकाउंट पूरी तरह से ऑनलाइन पद्धति पर काम करता है.
- डीमैट अकाउंट के आने के बाद शेयरों का लेनदेन बहुत कम समय के अंदर होने लगा, भारत में T+2 दिनों के अन्दर शेयरों की transaction कम्पलीट हो जाती है.
डीमैट अकाउंट का इतिहास
पहले के समय शेयर को कागजी कार्रवाई के तौर पर सुरक्षित रखा जाता था लेकिन इस प्रक्रिया में काफी जोखिम और खतरा बहुत ज्यादा था. अगर कोई शेयर के कागज ख़राब हो जाए या चोरी हो जाए तो निवेशक को नुकसान होने की संभावना बहुत ज्यादा आ रही थी इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए 1996 में पहली बार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में डीमैट अकाउंट को लॉन्च किया गया और उसी समय से शेयर मार्केट में सभी निवेशकों ने डीमैट अकाउंट को खुलवाना शुरू किया.
डीमैट अकाउंट के प्रकार
भारत में आपकी नागरिकता के आधार पर Depository Participants के द्वारा तीन प्रकार के डीमैट अकाउंट ऑफर किए जाते हैं. आप अपनी आवश्यकतानुसार अपने लिए डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं.
#1 – Regular Demat Account
रेगुलर डीमैट अकाउंट केवल भारतीय नागरिक की ओपन करवा सकते हैं. जिस व्यक्ति के पास भारतीय नागरिकता है वही Regular Demat Account के लिए योग्य होता है.
#2 – Repatriable Demat Account
इस प्रकार का डीमैट अकाउंट ऐसे लोग करवा सकते हैं जो विदेशी नागरिक है. इस अकाउंट के माध्यम से अपने पैसे विदेश में ट्रांसफर कर पाएंगे जो उन्होंने शेयर मार्केट से कमाया है. इसके लिए उन्हें अपने डीमैट अकाउंट को Non Resident External (NRE) से ऐड करना होगा.
#3 – Non-Repatriable Demat Account
यह भी एक NRI डीमैट अकाउंट होता है परंतु यह अकाउंट आपको अपने फंड्स को विदेशी बैंक में ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं देता हैं. इस डीमैट अकाउंट के लिए आपको Non Resident Ordinary (NRO) जोड़ना पड़ता हैं.
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट के अनेक सारे फायदे निवेशकों को होते हैं जैसे कि –
- डीमैट अकाउंट के माध्यम से आपके शेयर सुरक्षित होते हैं
- Demat Account का उपयोग करके आप अपने होल्डिंग शेयर को दूसरे व्यक्ति के नाम पर भी ट्रांसफर आसानी से कर सकते हैं.
- आप डीमैट अकाउंट को अपने मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर इत्यादि के द्वारा एक्सेस कर सकते हैं या अगर आपको शेयर बाजार से गतिविधि करनी है तो आप अपने डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे आपको शेयर बेचना है या खरीदना है, अपने पास मौजूद कुल शेयरों को देखना है इत्यादि,
- डीमैट अकाउंट के माध्यम से आप आसानी से लोन ले सकते हैं.
- डीमैट अकाउंट में अधिकांश कार्य ऑनलाइन तरीके से होता है इसलिए कागजी कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है.
- डीमैट अकाउंट के माध्यम से आप अपने शेयर का लाभांश अपने बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर कर सकते हैं.
- Demat Account आने के बाद में लॉट में शेयर खरीदना आवश्यक नहीं रह गया है, लॉट में शेयर ख़रीदना मतलब की बहुत सारे शेयर एक साथ ख़रीदना. अब आप चाहे तो एक शेयर भी खरीद सकते हैं.
- मूल खाता धारक की मृत्यु की स्थिति में शेयर हस्तांतरण की प्रक्रिया काफी सरल है जो पहले के समय नहीं थी.
डीमैट अकाउंट के नुकसान
डीमैट अकाउंट के फायदे के साथ – साथ कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि –
- आपके ब्रोकर आपके खाते का गलत उपयोग कर सकते है, इस लिए उन पर निगाह रखनी पड़ती है.
- जब तक डीमैट खाते में कोई भी शेयर है, तब तक उसे बंद नहीं किया जा सकता और तब तक निवेशक को इस से जुड़े सभी चार्ज देने पड़ेंगे.
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज?
- पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइवविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर कार्ड पहचान पत्र के तौर पर
- पासपोर्ट, आधार, वोटर कार्ड, ड्राइवविंग लाइसेंस, बिजली का बिल निवास प्रमाण पत्र के तौर पर
- बैंक डिटेल की जानकारी
Demat Account खुलवाने की प्रक्रिया क्या है?
आर्टिकल को यहाँ तक पढने के बाद आप समझ गए होंगें कि Demat Account Kya Hai, चलिए अब जान लेते हैं Demat Account कैसे खुलवाएं. डीमैट अकाउंट आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से खुलवा सकते हैं. दोनों प्रक्रिया के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार पूर्वक जानकारी दी है –
ऑनलाइन तरीके से
ऑनलाइन तरीके से डीमैट अकाउंट खोलना काफी आसान है आज की तारीख में कई ऐसे ही आपको ब्रोकिंग कंपनियां मिल जाएंगे जिसके माध्यम से आप अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं. उसकी प्रक्रिया क्या होगी अगर आप उसके बारे में नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है उसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं –
- सबसे पहले आप जिस ब्रोकर के माध्यम से अपना डीमेट अकाउंट खोलना चाहते हैं उसके ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करेंगे. आप Upstox, Groww, Zerodha जैसे डिस्काउंट ब्रोकर से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं.
- अब आप उसके वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे जहां आपको डीमैट अकाउंट ओपन करने का एक Link दिखाई पड़ेगा उस पर आपको क्लिक करना है.
- आपके सामने एक आवेदन पत्र ओपन होगा जहां आपको KYC प्रक्रिया के लिए अपनी पैन कार्ड और आधार कार्ड की डिटेल डालनी होगी.
- इसके बाद आप अपने सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट को अपलोड करेंगे.
- उसके बाद आपको सेगमेंट का चयन करना होगा कि आप किस प्रकार के शेयर में ट्रेड करना चाहते हैं उसके लिए आपको यहां पर अपना आवेदन शुल्क जमा करना होगा.
- वेरीफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपकी ईमेल आईडी पर यूजर आईडी और पासवर्ड भेज दिया जाएगा.
- उसके बाद ही आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा जिसके माध्यम से आप अपने डीमैट अकाउंट पर लॉगिन होकर कोई भी शेयर खरीद और बेच पाएंगे.
- इस प्रकार आप आसानी से ऑनलाइन तरीके से अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं.
ऑफलाइन तरीके से
अगर आपको ऑफलाइन डीमैट अकाउंट ओपन करना है तो इसके लिए आप किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP), जो NSDL (The National Securities Depository Limited) या CDSL (Central Depository Services India Limited) के ब्रोकर या सब-ब्रोकर होते हैं उन से संपर्क करेंगे.
उसके बाद आप को एक आवेदन पत्र दिया जाएगा जहां आपको जो भी आवश्यक जानकारी पूछी जाए उसका विवरण देंगे और आवश्यक डॉक्यूमेंट अपने आवेदन पत्र के साथ अटैच कर ब्रोकर को दे दीजिये.
इसके बाद आपको आवेदन शुल्क भी यहां पर देना पड़ेगा और फिर आपको एक एग्रीमेंट कागज पर सिग्नेचर करना होगा. तो इस प्रकार से आप ऑफलाइन तरीके से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसके अलावा जिस बैंक में आपका बैंक अकाउंट है वहां पर जाकर भी आप डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं.
Demat Account के लिए चार्जेस क्या लगेंगे?
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कितने पैसे लगेंगे वह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस ब्रोकिंग कंपनी के माध्यम से डीमैट अकाउंट ओपन करवा रहे हैं उसके अनुसार ही आपको पैसे देने पड़ेंगे.
आमतौर पर अगर आप डिस्काउंट ब्रोकर कंपनी से डीमैट अकाउंट ओपन करते हैं तो आपको अपेक्षाकृत कम पैसे देने पड़ेंगे कई डिस्काउंट ब्रोकर कंपनियां आपको फ्री में डीमैट अकाउंट खोल कर दे देती हैं. इसके लिए कुछ भी पैसे वह नहीं लगी हालांकि आपको डीमैट अकाउंट को मेन्टेन करने के लिए साल में कुछ चार्ज देना पड़ सकता है.
FAQ: Demat Account Kya Hota Hai
Q – डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है?
डीमैट अकाउंट खुलवाने आप की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए. 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के लिए उसके पेरेंट्स या लीगल संरक्षक के नाम पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ डीमैट खाता खुलवाया जा सकता हैं.18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर उस व्यक्ति के नाम पर अकाउंट ट्रांसफर किया जा सकता है.
Q – डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म क्या है
डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म Dematerialization Account होता है.
Q – डीमैट अकाउंट को भारत में पहली बार कब लांच किया गया?
डीमैट अकाउंट को भारत में पहली बार 1996 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के द्वारा लांच किया गया.
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निष्कर्ष
अगर आप शेयर बाजार में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो आपको किसी अच्छे ब्रोकर से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा लेना चाहिए, इस लेख को पढ़कर आपको डीमैट अकाउंट की अहमियत का पता चल गया होगा.
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