हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के एक और नए पोस्ट में जिसमें हम बात करेंगे कि SEBI Kya Hai, सेबी के कार्य क्या हैं, सेबी की स्थापना कब और क्यों हुई. अगर आप SEBI के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं आज का यह ब्लॉग पोस्ट.
सेबी का फुल फॉर्म क्या है (SEBI full from in Hindi)
SEBI का फुल फॉर्म Securities and Exchange Board of India है जिसे हिंदी में भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड” कहां जाता है.
सेबी क्या है (SEBI Kya Hai)?
SEBI शेयर बाजार से जुड़ा हुआ एक संवैधानिक संस्था है इसकी स्थापना 22 अप्रैल 1988 को गैर संवैधानिक संस्था के तौर पर हुई थी लेकिन बाद में सरकार ने 1992 में संसद में एक अध्यादेश लाकर इसे संवैधानिक संस्था के रूप में मान्यता दी.
इसका मुख्यालय मुंबई में है और भारत के कई राज्य में इसके क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं जैसे- दिल्ली कोलकाता चेन्नई और अहमदाबाद. जब सेबी की स्थापना 1988 में किया गया था तो उस समय SEBI की प्रारंभिक पूंजी ₹7 करोड़ 50 लाख रुपए थी.
सेबी भारत के शेयर बाजार के सारे कामकाज पर निगरानी रखती है और निवेशकों के हितों की रक्षा करती है, शेयर बाजार सेबी के नियमों के अंतर्गत कार्य करता है. इसके अलावा SEBI समय – समय पर निये नियमों को निकालता है जिससे कि भारतीय शेयर बाजार को अधिक विकसित किया जा सके और निवेशक बिना किसी डर के निवेश कर सके.
SEBI के सदस्य कौन – कौन होते हैं?
सेबी के अंतर्गत कुल मिलाकर 6 सदस्य होते हैं इसमें से एक सदस्य इस का अध्यक्ष होता है और बाकी पांच सदस्य के कार्य अलग-अलग होते हैं हम सभी 6 सदस्य के कार्यों के बारे में हम आपको नीचे विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे. SEBI के सभी पांच सदस्य इस प्रकार से हैं –
- 1 अध्यक्ष
- 2 सदस्य वित्त मंत्रालय से
- 2 सदस्य कानून के
- 1 सदस्य रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया का
जैसा कि आपको ज्ञात हो गया होगा कि सेबी में एक अध्यक्ष होता है, जिसका चयन भारत सरकार के द्वारा किया जाता है और उसका कार्यकाल 3 वर्षों तक होता है.
बाकी के 5 सदस्यों का चयन भी भारत सरकार के द्वारा किया जाता है जिसमें 2 सदस्य वित्त मंत्रालय से आते हैं और दो कानून से और एक बचा हुआ सदस्य RBI के द्वारा यहां पर चयनित किया जाता है. वर्तमान समय में सेबी की अध्यक्ष Smt. Madhabi Puri Buch जी हैं.
SEBI के स्थापना के पीछे का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
SEBI के प्रमुख उद्देश्यों के बारे में हमने आपको लेख में आगे विस्तार पूर्वक जानकारी दी है –
#1 – शेयर बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा करना:
शेयर बाजार में लाखों की संख्या में कंपनियों के द्वारा शेयर को खरीदा और बेचा जाता है ऐसे में अगर आप एक निवेशक है और आपके साथ अगर कोई धोखाधड़ी जैसी घटना घटित होती है तो आप इसकी शिकायत सेबी के पास कर सकते हैं SEBI प्रमुख काम निवेशकों के हितों की रक्षा करना है. शेयर मार्केट में जो भी कंपनियां सूचीबद्ध होती है वह सभी SEBI के नियमों का पालन करती है.
#2 – पूंजी बाजार को विकसित करना है:
पूंजी बाजार को विकसित करने का मतलब होता है कि बड़े-बड़े अधिक कंपनियों के के लिए लोन की राशि उपलब्ध करवाना ताकि इन कंपनियों को आसानी से लोन मिल सके. पूंजी बाजार लोन की विशेषता है कि यहां पर लोन आपको अधिक दिया जाता है और चुकाने के लिए प्राप्त समय भी
#3 – शेयर बाजार के सभी अंगों को सेबी के ढांचे के अधीन लाना:
शेयर बाजार के कई अंग होते हैं, जैसे की कंपनियां, निवेशक, स्टॉक ब्रोकर, कंपनियों के निवेशक इन सभी को सेबी के अधीन लाना. कहने का मतलब है कि सेबी ने जो नियम कानून बना है उसका पालन सभी को करना होगा और सभी को सेबी के द्वारा बनाए गए नियम कानून के अनुसार शेयर बाजार में काम करना होगा ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी शेयर बाजार में ना घटित हो.
#4 – शेयर बाजार में अनैतिक व्यापार पर रोक लगाना:
आज के वक्त में ऐसी कई कंपनियां है जो शेयर बाजार में अनैतिक तरीके से व्यापार करती हैं इन सभी कंपनियों पर रोक लगाना और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार से भी के पास होता है ताकि शेयर बाजार को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके.
#5 – इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाना:
अब आप सोच रहे होंगे कि इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होता है? तो दोस्तों इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब होता है अंतरंग व्यापार, मतलब कई बार ऐसा होता है कि कई कंपनियां जो अपना शेयर जारी कर रहा होता है, उसके बारे में पूरी जानकारी कंपनी के अधिकारियों को दी है और कंपनी के अधिकारी जानकारी के आधार पर उसका गलत उपयोग का अधिक से अधिक लाभ कमाते हैं ऐसी सभी गतिविधियों पर रोक लगाना सेबी का काम है.
#6 – म्यूच्यूअल फंड सहित अन्य सामूहिक रत्नों का पंजीकरण करना:
देश में बहुत सारी ऐसी स्कीम में लॉन्च होती जिसमें कई लोगों का पैसा लेकर शेयर बाजार में निवेश किए जाते हैं, जैसे कि म्यूच्यूअल फंड. ऐसे कंपनियों का पंजीकरण करना भी सेबी का प्रमुख कार्य है.
SEBI के प्रमुख कार्य क्या है?
सेबी के प्रमुख कार्य निम्नलिखित प्रकार के हैं जिसका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अनुसार देंगे जो इस प्रकार है-
- शेयर बाजार के विकास को बढ़ावा देना और बाजार पर नियंत्रण रखना.
- शेयर बाजार में संचालित होने वाले अनैतिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना.
- शेयर बाजार के लिए नियम और कानूनों का निर्माण करना.
- स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, पोर्टफोलियो मैनेजर्स, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स, शेयर ट्रांसफर एजेंट्स, बैंकर्स, मर्चेंट, बैंकर्सरजिस्ट्रार, अंडरराइटर्स और अन्य संबद्ध लोगों के लिए पारदर्शी प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना.
- शेयर बाजार के निवेशक को जागरूक बनाना ताकि धोखाधड़ी जैसी चीजों से बच सके.
- सेबी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों को पर निगरानी करने का भी काम करती है.
- सेबी म्यूच्यूअल फण्ड के निवेश योजनाओं पंजीकृत करती है और उसके लिए नियम निर्धारित करती है.
- शेयर बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करती है.
SEBI की शक्तियां
SEBI के पास अनेक सारी शक्तियां होती हैं जैसे कि –
#1 – अर्ध – न्यायिक शक्ति
सेबी के पास धोखाधड़ी और अन्य अनैतिक संबंधित गतिविधियों पर फैसला देने का अधिकार है ताकि शेयर बाजार को पारदर्शिता और जवाबदेही बनाया जा सके.
#2 – अर्ध – कार्यकारी शक्ति
सेबी के पास निर्णयों और नियमों को लागू करने का अधिकार होता है और अगर कोई भी व्यक्ति सेबी के द्वारा बनाए गए नियमों और निर्णय को मानने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी सेबी कर सकता है क्योंकि उसके पास कार्यकारी शक्तियां भी होती हैं.
#3 – अर्ध – विधायी शक्तियां
सेबी के पास निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियम और कानून बनाने का अधिकार है होता है, जिसके अंतर्गत इनर ट्रेडिंग, लिस्टिंग दायित्व, प्रकटीकरण आवश्यकताएं आदि शामिल हैं. सेबी के पास किसी भी व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार है जो शेयर बाजार के बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहा है या अनैतिक गतिविधियां संचालित कर रहा है.
SEBI से शिकायत दर्ज कैसे करें?
SEBI में शिकायत करने के लिए में शिकायत करने के लिए आप इसके ऑफिशल वेबसाइट www.sebi.gov.in पर विजिट करें और फिर आप अपनी बेसिक जानकारी भर कर compliant दर्ज कर सकते है. शिकायत करते समय आपको सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट भी अपलोड करने होंगे इसके अलावा आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा जिसका विवरण हम आपको नीचे देंगे जो इस प्रकार है –
- अपनी शिकायत आप साफ-सुथरे और सरल भाषा में लिखे ताकि समझ में आ सके क्या आपकी शिकायत क्या है.
- अपनी समस्या से जुडी हर जानकारी को लिखें.
- सभी डॉक्यूमेंट आपको यहां पर प्रस्तुत करने होंगे जिस चीज के लिए आप शिकायत कर रहे हैं.
- कंप्लेंट दर्ज करने के बाद अपने कंप्लेंट नंबर को जरूर नोट कर ले.
FAQ: SEBI Kya Hai
Q – सेबी की स्थापना कब हुई?
सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को गैर संवैधानिक संस्था के तौर पर हुई थी लेकिन 1992 में सेबी को संवैधानिक दर्जा दिया गया.
Q – सेबी के अध्यक्ष का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
सेबी के अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्षों का होता है.
Q – सेबी के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?
सेबी के वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती माधबी पूरी बच जी हैं जो कि 1 मार्च 2022 को ही सेबी की अध्यक्ष बनी थी.
Q – सेबी में कितने सदस्य होते हैं?
सेबी में अध्यक्ष समेत 6 सदस्य होते हैं.
निष्कर्ष,
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको SEBI Kya Hai, सेबी के प्रमुख कार्य, सेबी की स्थापना के पीछे का उद्देश्य तथा सेबी की शक्तियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है.
हमें पूरा भरोसा है कि इस आर्टिकल को पढने के बाद आप समझ गए होंगें कि सेबी क्या है. यदि आपके मन में सेबी से सम्बंधित कोई प्रश्न हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, और अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.