Futures Trading Kya Hai – शेयर बाजार में पैसे कमाने के विकल्प की जानकारी लेने के बाद उसी का एक विकल्प है, फ्यूचर ट्रेडिंग (Futures Trading), आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको Futures Trading Kya Hai के बारे में पूरी बेसिक जानकारी देंगें जिससे कि आप फ्यूचर ट्रेडिंग को अच्छे से समझ सकते हैं।
शेयर बाजार में फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है (Futures Trading Kya Hai)
फ्यूचर्स ट्रेडिंग Futures Trading भविष्य में एक निश्चित समय पर एक निश्चित मूल्य पर एक कंपनी के शेयर की लॉट को खरीदने या बेचने BUY-SELL के लिए दो व्यापारी ट्रेडर्स के बीच एक समझौता है। फ्यूचर ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट futures trading contract एक विशिष्ट प्रकार का फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट होता है, जहां फ्यूचर ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट को एक्सचेंज पर कारोबार करने पर एक स्टॅन्डर्ड कॉन्ट्रॅक्ट standard contract के रूप में माना जाता है।
शेयर बाजार में फ्यूचर ट्रेडिंग के प्रकार (Type of Future Trading in Share Market)
यहाँ हमने सभी प्रकार के फ्यूचर ट्रेडिंग के प्रकारों के बारे में आपको समझाया है।
लॉट साईज (Lot Size)
हर शेयर Stock फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट Future contracts का एक निश्चित लॉट होता है।
उदहारण के लिए समझिए, वर्तमान में एसबीआई बैंक (SBI BANK) का लॉट साइज 300 है। इसका मतलब यह है कि जब आप एसबीआई बैंक (SBI BANK ) का एक लॉट खरीदते हैं, तो माना जाता है कि आपने एसबीआई बैंक (SBI BANK ) के 300 शेयर Stocks खरीद लिए हैं। एक समय ट्रेडिंग के लिए तीन महीने के फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट उपलब्ध थे।
उदा. यदि चालू माह जनवरी है, तो तीन महीने जनवरी, फरवरी और मार्च का फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट ट्रेडिंग कारोबार के लिए उपलब्ध होगा।
एक्सपायरी (Expiry):
सभी फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट Future Contracts का लॉट हर महीने के अंतिम गुरुवार को एक्सपायरी (Expiry) समाप्त होता है। यानी फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट का एक दिन होता है जो हर महीने की आखरी गुरवार को आनेवाली तारीख को होता है।
इसलिए यदि इस दिन पहले फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट ट्रेडिंग नहीं की जाती है, या फिर आप अपने फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट की पोजीशन को स्क्वेअर ऑफ नहीं करते हो, तो बाजार बंद होने से पहले उनकी फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट अपने आप स्क्वेअर ऑफ हो जाती है।
मार्जिन (Margins):
फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट लॉट खरीदने के लिए एक प्रारंभिक मार्जिन Margin Money की आवश्यकता होती है। सामान्य बाजार में यह मार्जिन 10% से 25% फीसदी तक हो सकता है। साथ ही, अशांत बाजार यानी की अफरातफरी Volatility वाली समय में मार्जिन बढ़ सकता है।
मार्क टु – मार्केट (Mark to Market):
एक बार जब आप फ्युचर्स कॉन्ट्रॅक्ट Future Contracts का लॉट खरीद लेते हैं, तो मार्क टु – मार्केट (Mark to Market) की गणना आपकी बोली मूल्य और करीबी मूल्य के बीच के अंतर का उपयोग करके की जाती है। यदि अंतर सकारात्मक है, तो यह आपके खाते में जमा हो जाता है। यदि अंतर ऋणात्मक है, तो आपको अगले दिन अंतर का भुगतान करना होगा।
अगर पोजिशन स्क्वेअर ऑफ करने के बाद आपकी खरीद और बंद कीमत के बीच का अंतर सकारात्मक है, तो आपको मार्जिन और लाभ की राशि मिलती है। लेकिन अगर अंतर नकारात्मक है और आप समय के साथ मार्क-टू-मार्केट राशि का भुगतान करते हैं, तो आपको बाद में केवल मार्जिन मिलता है।
यदि आप मार्क-टू-मार्केट का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो आपके नुकसान को आपकी मार्जिन राशि से कवर किया जाता है और बाकी का भुगतान आपको किया जाता है।
फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट (Future contracts):
वर्तमान में अधिकांश शेअर्स, कमोडिटी और ईन्डेक्स में फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट (Future contracts) कारोबार ट्रेडिंग करना संभव है।
फ्युचर प्रीमीयम (Future in Premium):
यदि फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट स्पॉट मूल्य से ऊपर है, तो फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट को प्रीमियम पर कहा जाता है।
फ्युचर डिस्काऊंन्ट (Future in Discount):
यदि फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट स्पॉट मूल्य से नीचे है, तो फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट को छूट पर कहा जाता है।
तेजी के समय में अधिकांश फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट प्रीमियम पर होने की संभावना होती है और मंदी के समय में अधिकांश फ्युचर कॉन्ट्रॅक्ट छूट पर होने की संभावना होती है।
फ्यूचर ट्रेडिंग क्यों करते है ?
अगर हिसाब लगाएं तो इस महीने में एसबीआई बैंक (SBI BANK) का भाव ऊपर जाएगा, और यदि आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप इसके 100 या 200 शेयर खरीदने पर भरोसा कर सकते हैं।
उदहारण के लिए समझिए, इस का लाभ उठाने के लिए आम तौर पर आपको एसबीआई बैंक (SBI BANK) शेयर की डिलीवरी लेनी पड़ती है। अब अगर एसबीआई बैंक (SBI BANK) शेयर की कीमत 1500 है और आप 150 शेयर खरीदते हैं तो आपको 2.25 लाख रुपये का आपको भुगतान करना होगा और डिलीवरी लेनी होगी।
मान लेते हैं कि एसबीआई बैंक (SBI BANK) शेयर का लॉट 150 का है और वह 10% फीसदी मार्जिन देना है। तो इस लॉट को पाने के लिए आपको 22,500 रुपये आपको निवेश करना होगा। अब अगर एसबीआई बैंक (SBI BANK) योजना के अनुसार 100 रुपये बढ़ाता है, तो आपको 15,000 रुपये का लाभ मुनाफा मिलेगा।
आइए मुनाफा को प्रतिशत % के संदर्भ में समझते है,
मान लीजिए हमें निवेश पर 7% प्रतिशत का लाभ हुआ। अगर आपने डिलीवरी ली होती तो आपको 2,25,000 रुपये के निवेश पर रु15,000 रुपये का लाभ होता जो प्रतिशत के रूप में 6.67% है।
लेकिन अगर आपने वायदा खरीदा, 22500 के निवेश पर रु15000 का लाभ होता जो प्रतिशत में 66.67% है।
इसलिए कहा जाता है कि फ्यूचर ट्रेडिंग future trading कारोबार में आपको ज्यादा फायदा मिलने की संभावना होती है।
टिप्पणी Note :
फ्यूचर ट्रेडिंग future trading कारोबार में आप असीमित मुनाफा Profit और असीमित नुकसान Loss दोनों कर सकते हैं। इसके लिए फ्यूचर ट्रेडिंग फिक्स्ड स्टॉपलॉस Stop Loss के साथ करनी चाहिए।
फ्यूचर ट्रेडिंग मैं फ्यूचर कौन खरीद सकता है?
यह एक गलत धारणा है कि जो लोग जोखिम Risk उठा सकते हैं, उन्हें ही फ्यूचर ट्रेडिंग करना चाहिए और दूसरों को इससे दूर रहना चाहिए। यह केवल जोखिम Risk का मामला नहीं है, बल्कि और भी कई कारक हैं जिन्हें समझने की जरूरत है। फ्यूचर ट्रेडिंग यह हानि Loss जोखिम भरा विकल्प आवश्यक है
क्योंकि इससे सही समय मैं बाहर exit ना होने के कारण नुकसान loss होने की संभावनाएं अनंत हैं।
एक निश्चित अवधि के लिए फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में स्थिति लेने के लिए। लेकिन इस दौरान जिन लोगों के हाथ में पर्याप्त मार्जिन नहीं होता और मार्क टू मार्केट नहीं होता उन्हें नुकसान Loss उठाना पड़ता है। यही कारण है कि ट्रेडिंग सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और आवश्यक मार्जिन और मार्क टू मार्केट राशि को हाथ में रखते हुए की जानी चाहिए।
फ्यूचर ट्रेडिंग में किसे ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए?
जिनके पास बाजार के लिए आवश्यक मार्क और मार्जिन राशि नहीं है, उन्हें फ्यूचर ट्रेडिंग बाजार में प्रवेश नहीं करना चाहिए। बहुत से लोगों को नुकसान Loss होता है, और अक्सर ये नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है।
जिन लोगों में अनुशासन की कमी है, वे ट्रेडिंग की गणना करने के आदी नहीं हैं और नियमों का पालन करने के आदी नहीं हैं, उन्हें फ्यूचर ट्रेडिंग बाजार से दूर रहना चाहिए।
सभी को स्टॉपलॉस और ट्रेलिंग स्टॉपलॉस के पैटर्न का पालन करना होगा ताकि वे अच्छा मुनाफा प्रॉफिट कमा सकें। जो लोग नहीं जानते हैं और इसके आदी नहीं हैं, उन्हें फ्यूचर ट्रेडिंग बाजार से दूर रहना चाहिए।
शेयर बाजार के पंडित ठीक ही कहते हैं कि फ्यूचर ट्रेडिंग बड़े पैमाने पर पैसों वित्तीय बर्बादी का एक साधन है।
यह एक तथ्य है कि अधिकांश लोग ऐसे उपकरणों का व्यापार ट्रेडिंग करने में अनुभवी नहीं होते हैं और आंशिक ज्ञान के कारण जाल में फंस जाते हैं, जिसके कारण आपको अपनी पूरी पूंजी गंवानी पड़ती है, इतना नहीं बल्कि अधिक खोना पड़ता है। जो आपको अपनी कमाई बेचने पर मजबूर कर सकता है।
इसके लिए किसी अनुभवी निवेशक और ट्रेडर दोनों से ही फ्यूचर मार्केट ट्रेडिंग के बारे में पहले से जानकारी हासिल कर लें। यह भी एक तथ्य है कि जिन लोगों को फ्यूचर ट्रेडिग की कला में महारत हासिल है, वे अच्छी कमाई करते हैं।
Conclusion: Share Market Me Futures Trading Kya Hai
दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको Share Market में Futures Trading Kya Hai | शेयर बाजार में फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है। के बारे में जानकारी दी है.
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